Arun Yogiraj Biography in Hindi (Wikipedia, sculptor price, wife, age, ram mandir, birth place, family, statue, sculptor, sculpture, net worth, shilpi, twitter, biodata, ayodhya, ram lalla idol, career, ayodhya ram temple, ram mandir opening, ram lala murti, ram lala ayodhya) अरुण योगिराज कौन है ? जीवनी जीवन परिचय, अरुण योगिराज मूर्तिकार, उम्र, परिवार, पत्नी, अरुण योगीराज शिल्पकार, अयोध्या राम मंदिर, अयोध्या राम मंदिर मूर्ति, फोटो, मूर्ति की कीमत
मूर्तिकला, एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें लोग रंग, सृजनात्मकता, और भावनाओं का खेल खेलते हैं। इस क्षेत्र में जो व्यक्तित्व होता है, वह न केवल एक प्रकार की कला होती है, बल्कि यह एक जादूगर का काम भी होता है। आज हम आपको एक ऐसे मूर्तिकार के बारे में बताएंगे जो अपनी श्रेष्ठता के साथ दिलों में समाए हैं – अरुण योगिराज।
अरुण योगिराज कौन है ? (Who is Arun Yogiraj?)
शीर्षक (Title) | विवरण (Details) |
---|---|
वास्तविक नाम (Real Name) | अरुण योगिराज |
व्यवसाय (Profession) | मूर्तिकार (Sculptor) |
जन्म तिथि (Date of Birth) | ज्ञात नहीं (Not Known) |
आयु (Age) | ज्ञात नहीं (Not Known) |
जन्म स्थान (Birth Place) | मैसूर, कर्नाटक (Mysore, Karnataka) |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय (Indian) |
गृह नगर (Home Town) | मैसूर, कर्नाटक (Mysore, Karnataka) |
परिवार (Family) | माता: ज्ञात नहीं (Mother: Not Available) पिता: ज्ञात नहीं (Father: Not Available) बहन: ज्ञात नहीं (Sister: Not Available) भाई: ज्ञात नहीं (Brother: Not Available) |
पत्नी (Wife) | विजेता मोहन (Vijetha Mohan) |
बच्चे (Children) | बेटी: नाम ज्ञात नहीं (Daughter: Name Not Known) |
धर्म (Religion) | हिन्दू धर्म (Hinduism) |
पता (Address) | मैसूर, कर्नाटक (Mysore, Karnataka) |
अरुण योगिराज एक ऐसे मूर्तिकार हैं जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से देश को गर्वित किया है। वे मूलरूप से कर्नाटक के मैसरूर नामक स्थान पर रहते हैं। अरुण योगिराज ने देश के सर्वाधिक प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
राम मंदिर में योगिराज द्वारा बनाई गई मूर्ति ( Ram Mandir Murti Made By Arun Yogiraj) –
योगीराज अरुण के लिए यह साल का पहला दिन बेहद खास रहा। उन्हें पता चला कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने उनकी बनाई मूर्ति को चुना है और उसे राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित करेगा। यह एक ऐसा मौका है जिससे वे अपने कला के माध्यम से देश के लिए एक बड़ा योगदान करेंगे।
अरुण योगिराज ने भगवान राम की मूर्ति को बनाकर भारतीय समाज के लिए एक खास उपहार दिया है। उन्होंने रामलला की मूर्ति को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में स्थापित किया है। इससे भगवान राम के भक्तों का मनोबल और भी मजबूत हो गया है।
अरुण योगिराज का प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि Arun Yogiraj Early Life & Background:
अरुण की कला की यात्रा उसके परिवार के विरासत में गहरी जड़ी है। उनका परिवार मूर्तिकला के परम्परागत है, उनके पिता योगिराज एक कुशल मूर्तिकार हैं, और उनके दादा बासवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा ने संरक्षित किया था, इससे अरुण का कला के प्रति संबंध बचपन से ही जुड़ा था।
अरुण योगिराज का परिवारिक पृष्ठभूमि (Arun Yogiraj Family Background)
अरुण योगिराज का संगठन कला के दुनिया में उस परिवार के साथ जुड़ा हुआ है, जिसमें मैसूर के पाँच पीढ़ियों के प्रतिष्ठित कलाकार हैं। इस प्रतिष्ठित वंश में पैदा होने से, अरुण ने केवल एक मूर्तिकार के कौशल ही नहीं विरासत में प्राप्त किया, बल्कि उन्होंने इस कला प्रकार के प्रति एक गहरे रूप से प्यार भी प्राप्त किया।
अरुण योगिराज की व्यक्तिगत जीवन (Arun Yogiraj Personal Life)
अरुण का अपने शिल्प के प्रति समर्पण ने सिर्फ आम जनता से ही नहीं, बल्कि उन्हें सम्मानीय व्यक्तियों से भी सम्मान दिलाया है। मैसूर के राजवंश ने उनके मूर्तिकला के क्षेत्र में उनके अत्यद्भुत योगदान के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया है।
अरुण योगिराज की शिक्षा योग्यता (Arun Yogiraj Education Qualification)
अपने MBA को पूरा करने के बाद, अरुण ने कुछ समय के लिए एक निजी कंपनी में काम किया। हालांकि, उसके बचपन से ही उसमें समाहित कौशल का मोहक अधीन रहने के कारण वह 2008 से, वह अपने पारिवारिक कला वस्तुकला के क्षेत्र में अपना पूरा ध्यान देने लगे हैं।
अरुण योगिराज की नेट वर्थ (Arun Yogiraj Net Worth)
अरुण योगिराज के नेट वर्थ की सटीक आंकड़े उपलब्ध नाही हैं, लेकिन उनकी कला का योगदान का मूल्य अमाप्य है। उनकी मूर्तियाँ, विभिन्न राज्यों द्वारा कॉमीशन की गई और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त की, उनके वित्तीय सफलता के न केवल हिस्से के रूप में योगदान करती हैं, बल्कि उन्हें मूर्तिकला के क्षेत्र में एक शिक्षक के रूप में स्थापित करती हैं। उनके कला की मांग ने उनकी स्थिति को ऊंचा किया है, जिससे उन्हें देश के सबसे खोजे जाने वाले मूर्तिकारों में से एक बना दिया है।
अरुण योगिराज करियर (Arun Yogiraj Career)
अरुण का पेशेवर यात्रा एक दिलचस्प मिश्रण है, जिसमें परंपरा, शिक्षा, और उनके प्राकृतिक प्रतिभा के प्रति कड़ा समर्पण है। पाँच पीढ़ियों के प्रमुख मूर्तिकार परिवार में पैदा होने के बावजूद, अरुण का भाग्य ऐसा लगता था कि उसके लिए पहले से ही तय था। MBA की पढ़ाई करके और कुछ समय कॉर्पोरेट दुनिया में चलने के बाद भी, मूर्तिकला की पुकार असहिष्णु साबित हुई। 2008 से, वह देशभर के कला प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बना रहे हैं।
अरुण योगिराज कर्नाटक के प्रमुख मूर्तिकार (Arun Yogiraj Prominent sculptor of Karnataka)
अरुण योगिराज का नाम भारत के मूर्तिकला के प्रमुख नामों में एक रूप में उभरा है। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से बहुत सारी बड़ी मूर्तियों को जीवंत बनाया है। उनकी कला ने लोगों को आकर्षित किया है और उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां देशभक्ति और धार्मिक भावनाओं को दर्शाने का कार्य किया है।
अरुण योगिराज का मूर्तिकला का सफर (Arun Yogiraj’s journey into sculpture)
अरुण योगिराज ने अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी में मूर्तिकला का काम जारी रखा है। उन्होंने अपने परिवार के पूर्वजों से प्रेरणा ली और मूर्तिकला क्षेत्र में अपना करियर बनाया। उन्होंने अपनी पढ़ाई के बाद कॉरपोरेट सेक्टर में काम किया है, जिसके बाद उन्होंने मूर्तिकला में अपने प्रेम को फिर से जगाया।
अरुण योगिराज द्वारा बनाई गई प्रमुख कृतियां (Major works by Arun Yogiraj)
अरुण योगिराज के पोर्टफोलियो में कई प्रमुख मूर्तियां हैं, जिनमें सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति और केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति शामिल हैं। मैसूर में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा भी उनकी श्रृंखला में शामिल है।
महत्वपूर्ण कार्य (Important Works) –
- इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति: अरुण ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पीछे स्थापित एक 30 फीट की सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति को बनाने के लिए व्यापक पहचान हासिल की। इस मूर्ति ने एक महान छत्रक का केंद्र बनाया, और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रशंसा प्राप्त की।
- केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की मूर्ति: अरुण की कला कौशलता सिर्फ राजनैतिक व्यक्तियों से बाहर नहीं है। उन्होंने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण किया, जिससे उनकी विविधता प्रकट हो रही है।
- विविध निर्माण: अरुण का पोर्टफोलियो में चुंचनकट्टे में 21 फीट ऊंची हनुमान की मूर्ति, 15 फीट ऊंची डॉ. बी.आर. अंबेडकर की मूर्ति, एक संकटमोचन है, और मैसूर के राजा, जयचमराजेंद्र वोडियार की 14.5 फीट ऊंची सफेद अमृतशिला की मूर्ति शामिल हैं।
अरुण योगिराज की पहचान और पुरस्कार (Arun Yogiraj Recognition & Awards)
अरुण की प्रतिभा को अनगिनत पुरस्कार और सम्मानों से नवाजा गया है, जिसमें उनके मूर्तिकला के क्षेत्र में योगदान को हाइलाइट किया गया है। कुछ महत्वपूर्ण पहचानों में , संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान द्वारा व्यक्तिगत सराहना, 2020 में मैसूर जिला प्रशासन द्वारा नलवाड़ी पुरस्कार, और 2021 में कर्नाटक के क्राफ्ट्स कौंसिल द्वारा समर्पित सदस्यता शामिल है।
अरुण योगिराज के काम और उपलब्धियां (Arun Yogiraj Commissions & Achievements)
इनके मुख्य कार्यो में इंडिया गेट के लिए श्री सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट एककट्टा काला ग्रेनाइट पत्थर की मूर्ति, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में स्थापित श्री यू.आर. राव की कांस्य मूर्ति, और मुख्य रूप से सर म. विश्वेश्वरैया और डॉ. बी.आर. अंबेडकर जैसे प्रमुख व्यक्तियों की मूर्तियों का निर्माण शामिल है ।
अरुण योगिराज के तथ्य Arun Yogiraj Facts:
- अरुण योगिराज के परिवार की पिछली पाँच पीढ़ियाँ मूर्तिकला से जुड़ी हुई है । यह समृद्धि पूर्ण विरासत उनके कला के प्रयासों का आधार है।
- शिक्षात्मक दोहरापन: अरुण की शैक्षिक यात्रा एक अप्रत्याशित मोड़ लिया जब उन्होंने MBA की पढ़ाई की। कॉर्पोरेट दुनिया में अल्पकालिक रूप से कदम रखने के बावजूद, उनका दिल हमेशा मूर्तिकला के प्रति जुड़ा रहा।
- प्रधानमंत्री की सराहना: अरुण की कौशलता को केवल भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ही नहीं, बल्कि दुनिया के बाहर से भी सराहा है। उनकी सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति, जो इंडिया गेट के पास स्थापित है, कई लोगो से सराहना बहोत चुकी है।
- चुंचनकट्टे में 21 फीट ऊंची हनुमान की मूर्ति से लेकर केदारनाथ में 12 फीट की आदि शंकराचार्य मूर्ति तक, उनकी मूर्तिकार के रूप में विविधता का कोई सीमा नहीं है।
- विरासत का सम्मान: मैसूर के राजवंश ने अरुण योगिराज को विरासत की योगदान को मान्यता देकर विशेष सम्मान दिया है, जो कला से गहरा जुड़ा है। इस प्रकार का सम्मान कला के क्षेत्र में अरुण की उपलब्धियों में एक अतिरिक्त पद प्रदान करता है।
- वैश्विक पहचान: संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान ने अरुण के कार्यशाला का दौरा किया और व्यक्तिगत सराहना दी। इस वैश्विक पहचान ने अरुण की कला यात्रा को अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा का अवसर दिया।
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FAQ –
1,अरुण योगिराज की कौन-कौन सी प्रमुख मूर्तियां बनाई हैं?
Ans, सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति, केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति, 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा, आदि।
2, अरुण योगिराज का निवासस्थान कहाँ है?
Ans, मैसरूर, कर्नाटक
3, अरुण योगिराज कौन है?
Ans, अरुण योगिराज भारतीय मूर्तिकला के प्रमुख कलाकार हैं, इनकी बनाई भगवान राम की मूर्ति को भव्य राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा । उन्होंने कर्नाटक के मैसरू में रहते हुए कई प्रमुख मूर्तियां बनाई हैं और कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।
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