Tej Pratap Yadav Video- कौन है तेज प्रताप यादव, जिसने कहाँ 22 जनवरी को राम नहीं आएंगे अयोध्या

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राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता, लालू यादव के प्रथम पुत्र एवं बिहार सरकार के मंत्री, तेज प्रताप यादव अपनी विशिष्ट शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। वे कभी कृष्ण की भूमिका में दिखाई देते हैं, तो कभी साइकिल से मंत्रालय तक की यात्रा करते हैं। वे बार-बार अपने सपनों का उल्लेख करते रहते हैं, जिसमें कभी मुलायम सिंह यादव उन्हें दर्शन देते हैं, तो कभी भगवान कृष्ण। हाल ही में, उन्होंने बताया कि उनके सपने में अब भगवान राम भी आए हैं और यह भी कहा कि 22 जनवरी को भगवान राम अयोध्या में नहीं होंगे।

Tej Pratap Yadav Video- कौन है तेज प्रताप यादव, जिसने कहाँ 22 जनवरी को राम नहीं आएंगे अयोध्या
Tej Pratap Yadav Video- कौन है तेज प्रताप यादव, जिसने कहाँ 22 जनवरी को राम नहीं आएंगे अयोध्या

तेज प्रताप यादव ने क्या कहा

बिहार की राजनीति में राम मंदिर के मुद्दे पर बहस गर्म है। इस विषय पर नेताओं द्वारा विवादात्मक टिप्पणियाँ की जा रही हैं। इसी क्रम में, लालू यादव के वरिष्ठ पुत्र, तेज प्रताप यादव ने एक विवादास्पद बयान दिया। प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में एक प्रश्न के उत्तर में, उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को भगवान राम अयोध्या नहीं पहुँचेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें सपने में भगवान राम के दर्शन हुए, जिन्होंने कहा कि यह सब नाटक है और वे उस दिन अयोध्या नहीं जाएंगे।

यह जानकारी मिली है कि अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान राम की प्रतिमा का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होने वाला है। इस समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इस घटना पर पूरे देश में राजनीतिक चर्चा भी हो रही है। बीजेपी और केंद्र सरकार पर कुछ आरोप भी लगाए जा रहे हैं। तेज प्रताप ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनावों के समय मंदिर का मुद्दा उठाया जाता है, लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद इस पर चर्चा नहीं की जाती है। आरजेडी के एक नेता ने यह बातें DSS के स्थापना दिवस समारोह में कहीं।

मुलायम यादव भी सपने में आए थे

यह जानकारी मिली है कि अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान राम की प्रतिमा का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होने वाला है। इस समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इस घटना पर पूरे देश में राजनीतिक चर्चा भी हो रही है। बीजेपी और केंद्र सरकार पर कुछ आरोप भी लगाए जा रहे हैं। तेज प्रताप ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनावों के समय मंदिर का मुद्दा उठाया जाता है, लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद इस पर चर्चा नहीं की जाती है। आरजेडी के एक नेता ने यह बातें DSS के स्थापना दिवस समारोह में कहीं।

कौन है तेज प्रताप यादव

भारत में एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में, तेज प्रताप यादव बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में अपनी सक्रिय भागीदारी के लिए जाने जाते हैं। आइए हम उनके जीवन और करियर पर गहराई से नजर डालें और उनके प्रभाव और गतिविधियों को समझें।

प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि

तेज प्रताप यादव का जन्म 16 नवंबर 1988 को पटना, बिहार में हुआ था। वे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी, जो भी बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, के बड़े पुत्र हैं। राजनीति से गहरा जुड़ाव रखने वाले परिवार में पले-बढ़े तेज प्रताप बचपन से ही राजनीतिक माहौल में रहे हैं।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि

उन्होंने पटना में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में उच्च शिक्षा हासिल की। हालांकि, तेज प्रताप की शैक्षणिक योग्यताओं को लेकर मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा और विवाद रहा है।

राजनीतिक करियर

तेज प्रताप यादव ने अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए औपचारिक रूप से राजनीति में प्रवेश किया। वे अपने पिता लालू प्रसाद यादव द्वारा स्थापित राजनीतिक पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सदस्य बने।

प्रमुख मील के पत्थर:

  • बिहार विधानसभा के लिए चुनाव: तेज प्रताप के राजनीतिक सफर में ए

क महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब वे बिहार विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए। उनका चुनाव बिहार में उनके परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के रूप में देखा गया।

  • राज्य राजनीति में भूमिका: आरजेडी में एक युवा नेता के रूप में तेज प्रताप राज्य के विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रहे हैं। उनके बयान और कार्य अक्सर मीडिया का ध्यान आकर्षित करते हैं।

निजी जीवन और विवाद

तेज प्रताप का निजी जीवन, विशेषकर उनकी शादी और उसके बाद की समस्याएं, जनता की रुचि और मीडिया कवरेज का विषय रहे हैं। विभिन्न विवादों में उनकी भागीदारी ने उन्हें आलोचना और समर्थन दोनों प्राप्त किया है।

प्रभाव और जन छवि

तेज प्रताप अपने समर्थकों द्वारा, विशेषकर आरजेडी के युवा अनुयायियों द्वारा, एक युवा प्रतीक के रूप में देखे जाते हैं। उनकी राजनीति की शैली, कभी-कभी अपरंपरागत होने के कारण, उन्हें अपनी पीढ़ी के अन्य नेताओं से अलग करती है।

भविष्य की संभावनाएं

बिहार में राजनीतिक परिवर्तन के साथ, तेज प्रताप यादव की राज्य की राजनीति में भूमिका और प्रभाव को बारीकी से देखा जा रहा है। उनके भविष्य के कार्य और राजनीतिक रणनीतियां न केवल उनके करियर को आकार देंगी बल्कि ब

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