Ram Lala Murti, Ayodhya Ram Mandir, काले पत्थर से ही क्यों बनाई गई रामलला की मूर्ति ? Ram Murti Ayodhya, ram lalla murti photo, murti history, ram mandir latest news, अरुण योगीराज, arun yogiraj, Ram Lalla Idol
अयोध्या स्थित राम मंदिर के पवित्र गर्भगृह में प्रतिष्ठित रामलला की प्रतिमा के दर्शन करने के बाद लाखों भक्तों ने अपनी आस्था व्यक्त की। इस प्रतिमा को बनाने में प्रयुक्त काले पत्थर, जिसे कृष्णशिला कहा जाता है, के चयन का विशेष कारण है, जिसकी जानकारी अधिकांश लोगों को नहीं है। प्रतिमा के निर्माता अरुण योगीराज की पत्नी, विजेता योगीराज ने बताया कि इस पत्थर का चयन करने के पीछे विशेष उद्देश्य है। कृष्णशिला के अनोखे गुणों की बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पत्थर पर जब दूध से अभिषेक किया जाता है, तब भी उसे पीना सुरक्षित रहता है और यह स्वास्थ्य पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता।
कृष्णशिला का चयन और शिल्पकार अरुण योगीराज की तपस्या
अयोध्या के भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित रामलला की प्रतिमा के लिए कृष्णशिला का चयन बहुत सोच-समझकर किया गया था। इस पत्थर की विशेषता यह है कि इससे दूध के गुणों में कोई परिवर्तन नहीं होता, न ही यह एसिड, आग, या पानी से किसी प्रकार की क्रिया करता है। इसकी इन अनूठी खूबियों के कारण, इसे हजारों वर्षों तक टिकने वाले पत्थर के रूप में माना जाता है। विजेता योगीराज ने यह भी बताया कि रामलला की इस प्रतिमा को निर्मित करते समय उनके पति अरुण योगीराज ने एक ऋषि की भांति अपने जीवन को समर्पित किया था, जो उनके कार्य में उनकी गहरी आस्था और समर्पण को दर्शाता है।
अरुण योगीराज की ऋषि सदृश तपस्या और मूर्तिकला
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की स्थापना के संदर्भ में, विजेता योगीराज ने अपने पति अरुण योगीराज की साधना और समर्पण के विषय में बताया। उन्होंने खुलासा किया कि मूर्ति निर्माण के दौरान, अरुण ने ऋषियों के समान एक तपस्वी जीवन व्यतीत किया, जिसमें उन्होंने सात्विक भोजन, फल, और अंकुरित अनाज का सेवन किया और छह महीने तक इसी तरह का जीवन निर्वाह किया। विजेता ने यह भी व्यक्त किया कि राम मंदिर के गर्भगृह में उनके पति द्वारा निर्मित रामलला की मूर्ति की स्थापना के चयन से उन्हें अत्यंत हर्ष और गर्व का अनुभव हुआ। उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा, परंतु अरुण की प्रतिभा असाधारण है। उनकी कलात्मकता को विश्वभर में पहचान और प्रशंसा मिलनी चाहिए।”
अरुण योगीराज: पांचवीं पीढ़ी के कुशल मूर्तिकार
विजेता योगीराज के अनुसार, अरुण योगीराज एक प्रतिभाशाली मूर्तिकार हैं, जो अपने परिवार में पांचवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। मात्र 11 वर्ष की आयु से नक्काशी का कार्य शुरू करने वाले अरुण ने अपने परिवार की गौरवशाली कला परंपरा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। विजेता ने यह भी बताया कि देशभर से मिले अपार स्नेह और आशीर्वाद के प्रति उनका परिवार गहरा आभारी है। उन्होंने यह भी साझा किया कि अयोध्या में प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद, परिवार ने वहां जाने की योजना बनाई है ताकि वे इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बन सकें।
FAQ
1. प्रश्न: राम मंदिर, अयोध्या में कौन सी मूर्ति स्थापित की गई है?
उत्तर: राम मंदिर, अयोध्या में रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है।
2. प्रश्न: रामलला की मूर्ति किस प्रकार के पत्थर से बनी है?
उत्तर: रामलला की मूर्ति कृष्णशिला (काले पत्थर) से बनी है।
3. प्रश्न: मूर्ति का निर्माण किसने किया?
उत्तर: मूर्ति का निर्माण प्रसिद्ध शिल्पकार अरुण योगीराज ने किया।
4. प्रश्न: अरुण योगीराज की मूर्तिकला में कौन सी पीढ़ी शामिल है?
उत्तर: अरुण योगीराज पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं।
5. प्रश्न: अयोध्या के राम मंदिर का क्या महत्व है?
उत्तर: अयोध्या का राम मंदिर हिन्दू धर्म में भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है।