हर्ड इम्युनिटी क्या संक्रमण की रफ्तार को रोकेगी?, केरल में केस बढ़ने के क्या कारण?, नए वेरिएंट JN.1 का कब दिखेगा पीक?, नए वेरिएंट का मुकाबला कर सकेगी वैक्सीन?, कब कोविड टेस्ट करवाना चाहिए?, नए वेरिएंट JN.1 से किसको खतरा?, कोरोना का जेएन-1 वेरिएंट कितना है खतरनाक, जेएन-1 वेरिएंट के लक्षण क्या है? कैसे करें बचाव? Corona New Variant JN 1 [symptoms, precautions, new covid variant, in india, latest news, Coronavirus New Sub Variant JN.1]
कोरोना वायरस के नए जेएन.1 (JN.1) वेरिएंट के भारत में आने के बाद, केंद्र सरकार ने तुरंत अलर्ट जारी कर दिया है। राज्य सरकारों को भी इसके साथ मिलकर काम करने की सिफारिश की गई है, और वर्चुअल समीक्षा बैठकें आयोजित करने का आलंब बनाया गया है।
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कोरोना के नए जेएन.1 वेरिएंट का प्रकोप
केरल में हाल के दिनों में कोरोना के 115 मामले सामने आए हैं, और इसके बाद हड़कंप मच गया है। केरल में कोरोना के नए वेरिएंट के अधिक से अधिक 1700 मामले दर्ज किए गए हैं।
मध्यप्रदेश में भी कोरोना के नए जेएन.1 वेरिएंट के प्रकोप के बाद, सरकार अलर्ट हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कोविड-19 के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है, और सभी अस्पतालों में कोविड जांच करने के निर्देश दिए हैं।
कोविड-19 के इस नए वेरिएंट JN.1 के बढ़ते मामलों के बाद, लोगों में इसके संबंध में कई सवाल हैं। डॉक्टर रमन गंगाखेडकर, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था (ICMR) के पूर्व प्रमुख, ने इन सवालों के उत्तर दिए हैं।
कोरोना के इस नए वेरिएंट JN.1 को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह बिल्कुल खतरनाक नहीं है। नया वेरिएंट JN.1 ऑमिक्रॉन का एक पोड्स वेरिएंट है और स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन के कारण उत्पन्न हुआ है।
कोरोना के इस नए JN.1 वायरस ने उस स्थिति पर आकर्षित किया है जिसमें एक से दूसरे को बीमार होने की संभावना काफी कम है। इसके साथ ही, JN.1 वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी कम है और डेथ रेट न्यूनतम है, केवल एक डेथ केरल में रिपोर्ट हुई है। इसलिए, कोविड-19 के इस नए वेरिएंट का संक्रमण मामूली है और बुखार भी बहुत कम समय के लिए आता है, इसलिए हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है।
नए वेरिएंट JN.1 से किसको खतरा?
नए वेरिएंट JN.1 से खतरा है विशेष रूप से उन लोगों को जिनकी आयु 60 साल से अधिक है और जिन्हें किसी अन्य गंभीर बीमारी की समस्या है। 60 साल के उपर वाले व्यक्तियों और अन्य गंभीर बीमारी से प्रभावित लोगों को बड़े भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने की सलाह दी जाती है, ताकि वे संक्रमण से बच सकें।
कोविड टेस्ट कब करवाना चाहिए ?
कोविड टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है उन लोगों को जिन्हें लगातार बुखार हो रहा है और जिनके पास अन्य कोई लक्षण हैं, और उनके लिए जो अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं।
क्या इसके लिए कोई वैक्सीन है?
वैक्सीन का कोविड-19 के नए वेरिएंट JN.1 के खिलाफ कई हद तक संरक्षण प्रदान कर सकता है, लेकिन यह निश्चित नहीं है कि वैक्सीन इसके पूरी तरह से प्रतिरोध कर सकेगी। यदि किसी को नए वायरस से संक्रमण का खतरा है, तो वह एक अतिरिक्त डोज (बूस्टर डोज) ले सकता है।
नए वेरिएंट JN.1 के पीक का प्रकोप उस समय होगा जब इसका ट्रांसमिशन (संक्रमण क्षमता) सबसे अधिक होगा, लेकिन इसके बाद संक्रमण दर में कमी होगी।
केरल में केस बढ़ने के कई कारण हैं, और इसमें एक कारण है कि केरल सरकार हेल्थ सेक्टर को मजबूती से निरीक्षित करती है और अधिक संख्या में टेस्ट करवाती है। विशेषज्ञ डॉक्टर रमन गंगाखेडकर के मुताबिक, यह केवल केरल में ही नहीं हो रहा है, बल्कि अन्य राज्यों में भी लोग संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या कम दिख रही है क्योंकि टेस्टिंग कम हो रही है।
हार्ड इम्युनिटी का अभी तक कोविड-19 की रफ्तार को रोकने में मदद नहीं करेगी, क्योंकि कोरोना वायरस अपने आप को जिंदा रखने के लिए म्यूटेशन करता रहता है। वायरस की यह क्षमता है कि वह इंफेक्शन करने के लिए खुद को समायोजित करेगा, और वायरस संक्रमित व्यक्तियों को माइल्ड इंफेक्शन देगा।
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट JN.1 के बारे में कितनी चिंता करनी चाहिए?
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट JN.1 एक नया संस्करण है, जिसका पहली बार परिचय लक्जमबर्ग में हुआ था। इसका मूल है पिरोला वेरिएंट (BA.2.86), जो कि अपने तुलना में ओमिक्रॉन से उत्पन्न हुआ है। इसके बारे में तबका अन्य कोरोना वायरस वेरिएंटों के मुकाबले अधिक म्यूटेशन है, जो कि चिंता का कारण हो सकता है। यह वेरिएंट स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन करता है, जिससे इसकी संक्रामकता और रोग प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएँ बढ़ सकती हैं।
क्या है कोरोना वेरिएंट JN.1 के लक्षण?
वारंवार दिखाया गया है कि केरल में एक 78 वर्षीय महिला में JN.1 वेरिएंट के साथ इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण पाए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, खबरों के मुताबिक, इसके लक्षण अधिक अलग नहीं होते हैं। यह वेरिएंट लोगों को गले में खराश, नाक से बहना, सिरदर्द, और बुखार जैसे लक्षण दिखा सकता है।
कैसे करें बचाव?
किसी भी कोरोना वायरस वेरिएंट से बचाव के लिए संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए हाथ को बार-बार धोना, मास्क पहनना, और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे निवारक उपायों का पालन करना हमेशा महत्वपूर्ण है। अगर आपने अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाया है, तो आपको इसे लगवाने की सलाह दी जाती है।
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