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भारतीय रेलवे अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आगामी 22 जनवरी के लिए विस्तार से तैयारी कर चुकी है। 22 जनवरी के बाद, रेलवे विभिन्न शहरों से लगभग 500 गैर-एसी आस्था विशेष ट्रेनें चलाएगा। प्रारंभ में 500 ट्रेनें होंगी, लेकिन भक्तों की संख्या बढ़ने पर इसे 1000 तक बढ़ा दिया जाएगा।
अयोध्या में भक्तों का तीर्थयात्रा – प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने 1000 गैर-एसी ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है। इन ट्रेनों को मुख्य जनसंपर्क प्रवक्ता पंकज कुमार सिंह ने “आस्था” कहा है। प्रारंभ में 500 ट्रेनें चलाई जाएंगी, और भक्तों की मांग के हिसाब से इस संख्या को 1000 तक बढ़ा दिया जाएगा।
संक्षेप में, भारतीय रेलवे आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भक्तों की अयोध्या यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, और वह भगवान राम के दर्शन के लिए चाहते हैं।
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के साथ, पूरे देश में उत्साह और आनंद का माहौल है। लोग इस दिन के आयोजन के लिए अपने-अपने तरीके से तैयारी में जुटे हुए हैं। इस महत्वपूर्ण घड़ी का साक्षी बनने के लिए भारतीय रेलवे ने भी अपनी तैयारियों की शुरुआत की है। इस अवसर पर, रेलवे प्रबंधन ने नॉन एसी स्पेशल आस्था ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है, जो श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराएंगी।
रेल्वे की तैयारियां – वर्तमान में, विभिन्न शहरों से 500 आस्था ट्रेनें चलाई जा रही हैं। जब भक्तों की मांग बढ़ेगी, तो इस संख्या को धीरे-धीरे 1000 तक बढ़ा दिया जाएगा। इन आस्था ट्रेनों को ‘भारत गौरव’ जैसे पर्यटन ट्रेनों की तरह चलाया जा रहा है, और इनमें सुरक्षा, भोजन और शाकाहारी नाश्ता की व्यवस्था भी होगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुपरवाइजर भी ट्रेनों में होंगे, और इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे कैटरिंग और टूरिज्म डिपार्टमेंट की होगी।
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे हमेशा से देश में होने वाली गतिविधियों में भाग लेता है और यह गर्व का सौभाग्य है। इसी दृष्टिकोण से, अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए रेलवे ने विभिन्न प्रकार की तैयारियां की है। इसके अंतर्गत, अयोध्या और कटरा के बीच में स्थित रामघाट स्टेशन को पूरी तरह सजाया गया है, जहां आगंतुकों का स्वागत भी ध्यानपूर्वक किया जाएगा।
इसके आगे बढ़कर, भारत गौरव की तरह, 22 जनवरी के बाद से रेलवे द्वारा नॉन एसी आस्था स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन ट्रेनों का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराना है, जो इस महत्वपूर्ण समारोह के पश्चात् आयेंगे।
इस अवसर पर, रेलवे प्रबंधन ने भारत गौरव जैसी पर्यटन ट्रेनों की तरह नॉन एसी आस्था स्पेशल ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया है, जो श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराने के लिए होंगी। इन ट्रेनों को पूरी तरह से सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए कई उपायों की गई है, जैसे कि भोजन की व्यवस्था और सुपरवाइजरों की उपस्थिति।
इस प्रकार, भारतीय रेलवे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयार है और इस ऐतिहासिक घड़ी का साक्षी बनने के लिए अपना योगदान देने के लिए तत्पर है।
FAQ
1. प्राण प्रतिष्ठा समारोह क्या है?
A- प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है जिसमें भक्त भगवान राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या यात्रा करते हैं।
2. कितनी आस्था ट्रेनें चलाई जा रही हैं?
A- 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के साथ, 500 आस्था ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिनकी संख्या बढ़कर 1000 तक बढ़ाई जाएगी।
3. इन ट्रेनों का नाम क्या है?
A- इन ट्रेनों को “नॉन एसी आस्था स्पेशल” कहा जा रहा है।
4. रेलवे कैसे तैयार हो रहा है?
A- भारतीय रेलवे ने रामघाट स्टेशन को सजाया और यात्रीगण की सुविधा के लिए तैयारी की है, और नॉन एसी आस्था स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है।
5. किसकी जिम्मेदारी है इन ट्रेनों का प्रबंधन?
A- इन ट्रेनों का प्रबंधन भारतीय रेलवे कैटरिंग और टूरिज्म डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी होगी, और सुपरवाइजर भी यात्रीगण की सुविधा के लिए होंगे।