पोलरिमेट्री मिशन का महत्व , XPoSat का उद्देश्य, :XPoSat पेलोड्स क्या करेगा , XPoSat पेलोड्स का विवरण, XPoSat अंतरिक्ष मे कहाँ स्थापित होगा और इसकी समय सीमा क्या है, नासा की तुलना में कम बजट (Importance of Polarimetry Mission, Objective of XPoSat, What will XPoSat payloads do, Description of XPoSat payloads, Where will XPoSat be installed in space and what is its time limit, Less budget than NASA)
अंतरिक्ष क्षेत्र में ‘चंद्रयान-3’ की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इसरो ने नए साल के पहले दिन ही देशवासियों को बड़ा गिफ्ट देने का निर्णय लिया है। ISRO ने घोषणा की है कि एक्सपोसैट (XPoSat) मिशन 1 जनवरी की सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा। माना जा रहा है कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
पोलरिमेट्री मिशन का महत्व Importance of Polarimetry Mission :
XPoSat मिशन भारत का पहला और दुनिया का दूसरा डेडिकेटेड पोलारिमेट्री मिशन है, जिससे पहले सिर्फ 2021 में नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) को लॉन्च किया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य ब्रह्मांड में 50 ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है, जिसमें पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बाइनेरिज़, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, न्यूट्रॉन सितारे और गैर-थर्मल सुपरनोवा अवशेष शामिल हैं।
XPoSat का उद्देश्य Objective of XPoSat :
XPoSat का उद्देश्य तीव्र एक्स-रे सोर्स के ध्रुवीकरण का पता लगाना है, जो एक्स-रे एस्ट्रोनॉमी में एक नया आयाम पेश करेगा। एक्स-रे ध्रुवीकरण आकाशीय स्रोतों के विकिरण तंत्र और ज्योमेट्री की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक टूल के रूप में काम करता है।
XPoSat पेलोड्स क्या करेगा What will XPoSat payloads do?:
XPoSat मिशन के साथ, भारत स्पेस बेस्ड एक्स-रे एस्ट्रोनॉमी में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है। जहां पिछले मिशन मुख्य रूप से इमेजिंग, टाइम-डोमेन स्टडी और स्पेक्ट्रोस्कोपी पर केंद्रित थे, XPoSat भारत का पहला डेडिकेटिड पोलारिमेट्री मिशन होगा जिसका उद्देश्य तीव्र एक्स-रे सोर्स के ध्रुवीकरण का पता लगाना है।
XPoSat पेलोड्स का विवरण Description of XPoSat Payloads :
XPoSat सैटेलाइट का कुल वजन 469 किलोग्राम है, जिसमें दो पेलोड्स शामिल हैं। पहला पेलोड POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) है, जो अंतरिक्ष में स्रोतों के चुंबकीय फील्ड, रेडिएशन, और इलेक्ट्रॉन्स की स्टडी करेगा। यह 8-30 keV रेंज की एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा।
दूसरा पेलोड, XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) 0.8-1.5 keV की ऊर्जा रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा, जैसे- एक्स-रे पल्सर, ब्लैक होल बाइनरी, एलएमएक्सबी, एजीएन और मैग्नेटर्स में कम चुंबकीय क्षेत्र न्यूट्रॉन स्टार।
XPoSat अंतरिक्ष मे कहाँ स्थापित होगा और इसकी समय सीमा क्या है (Where will XPoSat Space be installed and what is its time limit?)
XPoSat अंतरिक्ष यान निचली पृथ्वी कक्षा में स्थापित किया जाएगा और यह सैटेलाइट पांच साल के लिए यात्रा करेगा। सैटेलाइट को यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के सहयोग से रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) द्वारा विकसित किया गया है।
नासा की तुलना में कम बजट Lower budget than NASA:
XPoSat मिशन को तैयार करने में केवल 250 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि इसी प्रकार के मिशन को NASA ने एक्सपे को साल 2021 में लॉन्च किया था, जिसके लिए 188 मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे।
XPoSat मिशन के माध्यम से भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में एक बड़ा कदम आगे बढ़ रहा है। इस मिशन से हम ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे और अंतरिक्ष में होने वाले गुरुत्वाकर्षण के फेनोमेन को भी गहराई से समझेंगे। XPoSat मिशन के माध्यम से हम ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के रहस्यों के पीछे के यात्रा पर जा रहे हैं, और ब्रह्मांड में विशेष रूप से अत्यधिक तापमान वाले वातावरण के रहस्यों को भी समझने में मदद मिलेगी।
इससे दिखता है कि भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में कदम से कदम बढ़ रहा है और अपने संशोधन क्षमता को मजबूत बनाने के लिए समर्पित है। एक बार फिर, ISRO ने दुनिया को अपनी अद्वितीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमता का प्रमाण दिया है और भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में नए मील के संदर्भ में महत्वपूर्ण योगदान करने का समर्थन किया है।
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FAQ –
प्रथम सवाल: XPoSat मिशन क्या है?
उत्तर: XPoSat मिशन एक अंतरिक्ष मिशन है जिसका उद्देश्य ब्रह्मांड में विभिन्न प्रकार के चमकीले ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है, जैसे पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बाइनेरिज़, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, न्यूट्रॉन सितारे, और गैर-थर्मल सुपरनोवा अवशेष।
दूसरा सवाल: XPoSat मिशन का उपग्रह किसके साथ लॉन्च होगा?
उत्तर: XPoSat सैटेलाइट को PSLV-C58 नामक रॉकेट के साथ लॉन्च किया जाएगा, जो कि इसको वांछित कक्षा में स्थापित करने के बाद अपने अंतिम चरण में 10 अन्य पेलोड को भी होस्ट करेगा।
तीसरा सवाल: XPoSat मिशन के सैटेलाइट में कितने पेलोड हैं?
उत्तर: XPoSat सैटेलाइट में दो प्रमुख पेलोड हैं। पहला पेलोड POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) है, जो अंतरिक्ष में स्रोतों के चुंबकीय फील्ड, रेडिएशन, और इलेक्ट्रॉन्स की स्टडी करेगा। दूसरा पेलोड XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) है, जो विभिन्न प्रकार के स्त्रोतों का निरीक्षण करेगा।
चौथा सवाल: XPoSat मिशन का लॉन्च कब होगा?
उत्तर: XPoSat मिशन 1 जनवरी को सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा।
पांचवा सवाल: XPoSat मिशन से किस प्रकार की जानकारी प्राप्त हो सकती है?
उत्तर: XPoSat मिशन से हम ब्रह्मांड में चमकीले ज्ञात स्रोतों के पोलराइजेशन और स्पेक्ट्रोस्कोपिक माप करके महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के अध्ययन के लिए भी शामिल है।
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