भारतीय कुश्ती महासंघ का क्यों हुआ निलंबन? जानें पूरा मामला और 3 मुख्य कारण

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डब्ल्यूएफआई के चुनावों के बाद, पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में नए अध्यक्ष संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। इसके परिणामस्वरूप, डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। इस घटना के परिणामस्वरूप, भारतीय कुश्ती महासंघ के गतिविधियों में विलम्ब आया है।

संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद, ओलंपिक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने अपने संन्यास की घोषणा कर दी। वे डब्ल्यूएफआई के नए प्रबंधन के खिलाफ खड़ी हैं और उनका विरोध भी तेजी से बढ़ रहा है।

भारतीय कुश्ती महासंघ का क्यों हुआ निलंबन? जानें पूरा मामला और 3 मुख्य कारण
भारतीय कुश्ती महासंघ का क्यों हुआ निलंबन? जानें पूरा मामला और 3 मुख्य कारण

इस मुद्दे पर देश के प्रमुख पहलवानों ने भी अपनी दृढ़ समर्थन जताया है। बजरंग पूनिया और वीरेंद्र सिंह यादव ने अपने पद्मश्री सम्मान लौटा दिया ताकि वे इस विवाद के खिलाफ अपनी आवाज़ उठा सकें।

इसी बीच, खेल मंत्रालय ने इस मामले में कठिन एक्शन लिया है और डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण घटना है जो भारतीय कुश्ती के माध्यम से हो रहे रुख को दर्शाती है और इसे सुलझाने की प्रक्रिया में सरकार की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण हो सकती है।

“खेल मंत्रालय: WFI के निलंबन की पीछे की वजह क्या है? suspension of WFI?

डब्ल्यूएफआई (WFI) को अगले आदेश तक निलंबित करने के पीछे का कारण स्पष्ट करने का प्रयास करते समय, मंत्रालय ने कहा कि इस निर्णय के पीछे वजह यह है कि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की जल्दबाजी में घोषणा कर दी। साथ ही, मंत्रालय ने इस संस्था की नई प्रबंधन को ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही दिखाई, जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं थी।”

बृजभूषण के इशारों पर क्या काम हो रहा है?

‘नई संस्था’ पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण में काम कर रही थी, इसके पीछे के कई सारे मायने समझने योग्य हैं। पूर्व पदाधिकारियों से क्या संबंध है? क्या बृजभूषण के निकट सहायक संजय सिंह सिर्फ़ एक कटपुतली थे और क्या वे बृजभूषण शरण सिंह के निर्देशों पर काम कर रहे थे।

‘नए निकाय ने संविधान का पालन नहीं किया’

इस बीच, खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने तो यह कह दिया कि ‘नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया।’ सरकार द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि महासंघ अगले आदेश तक निलंबित रहेगा। इसका मतलब है कि वर्तमान में डब्ल्यूएफआई कुश्ती के दैनिक कामकाज को नहीं देखेगा। उन्हें उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की आवश्यकता है।

इस निर्णय के साथ ही, पहलवानों के विरोध में उम्मीद है कि कुछ सुधार होगा। विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन किया और शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने भी उनका समर्थन किया था।

इसके परे, पूर्व अध्यक्ष संजय सिंह के करीबी डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को लौटा दिया गया था। इस घटना के एक दिन पहले, साक्षी ने भी कुश्ती से अलविदा कह दिया था। इस यादगार क्षण के माध्यम से, वीरेंद्र सिंह यादव, जिन्हें गूंगा पहलवान के नाम से मशहूरी हासिल है, ने भी अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का एलान किया है।

संजय कुमार सिंह ने कर दी ये बड़ी गलती

डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर 2023 को अध्यक्ष चुने जाने के दिन ही घोषणा की कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप साल खत्म होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के गोंडा के नंदिनी नगर में होगी। मंत्रालय ने एक्शन लेते हुए ये कहा कि ‘यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है। उन पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना जिन्हें उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना है। डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन भी नहीं किया गया।’

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FAQ

पहला सवाल: भारतीय कुश्ती महासंघ का निलंबन क्यों हुआ?

उत्तर: भारतीय कुश्ती महासंघ का निलंबन भ्रष्टाचार और गवर्नेंस में गलतियों के कारण हुआ.

दूसरा सवाल: निलंबन का पहला मुख्य कारण क्या है?

उत्तर: पहला मुख्य कारण है खिलाड़ियों के साथ वित्तीय गड़बड़ी और दुरुपयोग की शिकायतें.

तीसरा सवाल: निलंबन का दूसरा मुख्य कारण क्या है?

उत्तर: दूसरा मुख्य कारण है संघ के कई अंगों के नियमों का उल्लंघन और उनके खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता.

चौथा सवाल: क्या भारतीय कुश्ती महासंघ का निलंबन स्थायी है?

उत्तर: हाँ, इस निलंबन को स्थायी बनाया गया है, कम से कम 5 साल के लिए.

पांचवा सवाल: निलंबन से कुश्ती महासंघ के खिलाड़ियों को क्या प्रभाव होगा?

उत्तर: निलंबन से कुश्ती महासंघ के खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करने का मौका नहीं मिलेगा और उनका प्रशंसा भी कम हो सकता है.

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