Ram Mandir News- कौन है राम वंजी सुतार, जिन्होंने राम मंदिर में जटायु की विशाल मूर्ति बनाई

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अयोध्या में विराजमान जटायु की प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार राम वनजी सुतार ने किया है। यह प्रतिमा, जिसका उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा, अयोध्या के श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का एक हिस्सा है। इस प्राचीन शहर की सुंदरता इस प्रतिमा के जुड़ने से और भी बढ़ गई है।

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Ram Mandir News- कौन है राम वंजी सुतार, जिन्होंने राम मंदिर में जटायु की विशाल मूर्ति बनाई

Table of Contents

राम वनजी सुतार की कृति

विशेषताविवरण
नामराम वनजी सुतार
सम्मानपद्म श्री (1999), पद्म विभूषण (2016)
प्रमुख कृतियाँमहात्मा गांधी, अहोम जनरल लचित बरपूखान की मूर्तियाँ
कार्यशाला का स्थाननोएडा, उत्तर प्रदेश
वर्तमान परियोजनाअयोध्या के लिए भगवान राम की प्रतिमा
प्रतिमा की ऊँचाई (अहोम)लचित बरपूखान की प्रतिमा की ऊँचाई 129 फिट
विश्व में प्रसिद्धिभारत सहित विश्व भर में स्थापित कृतियाँ

अयोध्या के कुबेर टीले पर स्थापित इस प्रतिमा का निर्माण 90 वर्षीय शिल्पी राम वनजी सुतार ने किया है, जिन्होंने अपने 70 साल के लंबे करियर में 8000 से अधिक मूर्तियां बनाई हैं। उनकी इस नई कृति का उद्घाटन करके अयोध्या शहर की भव्यता को और भी बढ़ाया जाएगा।

राम वी सुतार की पहचान क्या है?

विख्यात मूर्तिकार राम वी सुतार, जिन्होंने विश्व की सर्वोच्च प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की रचना की, का जन्म महाराष्ट्र के धूलिया जिले के गोंडूर गाँव में 19 फरवरी 1925 को हुआ था। 98 वर्षीय सुतार ने अपनी कला यात्रा की शुरुआत श्रीराकृष्ण जोशी से प्रेरणा प्राप्त कर की और बाद में मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में अध्ययन किया। वर्ष 1959 में उन्होंने दिल्ली की ओर रुख किया और भारत सरकार के सूचना-प्रसारण मंत्रालय में सेवाएं दीं। इससे पहले, वे स्वतंत्र मूर्तिकार के रूप में कार्यरत थे और दिल्ली में अपना स्टूडियो खोला था। 1990 में नोएडा में बस जाने के बाद, उन्होंने 2006 में साहिबाबाद में अपना कास्टिंग फैक्ट्री स्थापित किया। उनका पहला निर्माण, जिसे उन्होंने स्कूल के दौरान बनाया था, महात्मा गांधी का मुस्कुराता चित्र था।

राम वनजी सुतार पहली प्रतिमा का निर्माण और जवाहर लाल नेहरू का योगदान

मूर्तिकार राम वनजी सुतार को पहला ऑर्डर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से मिला था। उन्होंने सुतार को महात्मा गांधी की प्रतिमा बनाने का काम सौंपा था। यह प्रतिमा, जो संसद भवन में स्थापित की गई, सुतार की पहली और प्रमुख कृति मानी जाती है। नेहरू द्वारा 1947 में दिए गए इस ऑर्डर के बाद, सुतार की कला को बहुत प्रशंसा मिली।

इसके बाद, सुतार को भाखरा नंगल डैम के श्रमिकों की प्रतिमा बनाने का भी ऑर्डर दिया गया। उन्होंने नेहरू के निर्देशन में ‘लेबर स्टैच्यू’ का निर्माण किया, जो वर्तमान में चेन्नई के मरीना बीच पर स्थापित है। सुतार की इन कृतियों ने उन्हें मूर्तिकला के क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान दिलाई।

अयोध्या में जटायु की प्रतिमा का चयन कैसे हुआ

मूर्तिकार राम वनजी सुतार, जिनका कार्यशाला उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित है, वह वर्तमान में अपने बेटे अनील के साथ मिलकर मूर्ति निर्माण का काम करते हैं। अयोध्या में स्थापित की जाने वाली जटायु की मूर्ति के लिए, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दो अलग-अलग डिजाइन सौंपे गए थे।

पहला डिजाइन जटायु को हमला करने की मुद्रा में दर्शाता था, जबकि दूसरे डिजाइन में जटायु को पंख फैलाकर उड़ते हुए दिखाया गया था। ट्रस्ट ने उड़ते हुए जटायु की प्रतिमा को चुना। इसके बाद, सुतार ने इस चुनी हुई डिजाइन के आधार पर मूर्ति के निर्माण का कार्य आरंभ किया।

अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा राम वनजी सुतार की नई रचना

प्रसिद्ध मूर्तिकार राम वनजी सुतार अयोध्या के लिए भगवान श्रीराम की एक अनूठी प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं। यह प्रतिमा सरयू नदी के किनारे स्थापित की जाएगी। सुतार ने इस प्रतिमा के लिए दो विकल्प प्रस्तुत किए थे, जिसमें पहली प्रतिमा युद्ध की मुद्रा में और दूसरी भगवान राम को राजा के रूप में दर्शाती थी। ट्रस्ट ने भगवान राम के राजा स्वरूप वाली प्रतिमा का चयन किया है।

भगवान राम की यह प्रतिमा, जब स्थापित होगी, तब यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में जानी जाएगी। वर्तमान में यह खिताब गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को प्राप्त है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है। इस नई प्रतिमा के माध्यम से अयोध्या और भारत की संस्कृति और धार्मिक महत्व को एक नया आयाम मिलेगा।

पद्म श्री और पद्म विभूषण से सम्मानित

प्रसिद्ध मूर्तिकार राम वनजी सुतार को उनके असाधारण कला कौशल के लिए वर्ष 1999 में पद्म श्री और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान उनके द्वारा बनाई गई अनेक प्रतिमाओं और उनकी कलात्मकता के लिए प्रदान किए गए। भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में उनकी बनाई हुई प्रतिमाएं स्थापित हैं।

इसके अलावा, वनजी सुतार वर्तमान में असम सरकार के लिए 17वीं शताब्दी के अहोम जनरल लचित बरपूखान की 129 फिट ऊंची मूर्ति बना रहे हैं। यह मूर्ति उनकी कलात्मक प्रतिभा और शिल्पकला का एक और उत्कृष्ट नमूना होगी।

FAQ

1. प्रश्न: राम वनजी सुतार को किन सम्मानों से नवाजा गया है?

उत्तर: उन्हें पद्म श्री (1999) और पद्म विभूषण (2016) से सम्मानित किया गया है।

2. प्रश्न: राम वनजी सुतार की कार्यशाला कहाँ स्थित है?

उत्तर: उनकी कार्यशाला उत्तर प्रदेश के नोएडा में है।

3. प्रश्न: उन्होंने अपनी पहली प्रतिमा किसकी बनाई थी?

उत्तर: उन्होंने अपनी पहली प्रतिमा महात्मा गांधी की बनाई थी।

4. प्रश्न: राम वनजी सुतार किस प्रतिमा का निर्माण वर्तमान में कर रहे हैं?

उत्तर: वह अयोध्या के लिए भगवान राम की प्रतिमा बना रहे हैं।

5. प्रश्न: उन्होंने अपने करियर में कितनी मूर्तियाँ बनाई हैं?

उत्तर: उन्होंने अपने जीवन में 8000 से अधिक मूर्तियाँ बनाई हैं।

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