अयोध्या के राम मंदिर से जुड़ी कुछ विशेष बात जो किसी ने नहीं बताई ।
अयोध्या, पवित्र सरयू नदी के तट पर बसा शहर, सदियों से हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। यह भगवान राम की जन्मस्थली माना जाता है, जिन्हें हिंदू धर्म में विष्णु का अवतार माना जाता है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर एक ऐतिहासिक मंदिर था, जिसे 16 वीं शताब्दी में मुगल शासक बाबर द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था।
इसके बाद से इस स्थान पर विवाद चला आ रहा था, जिसने सदियों से सामाजिक और राजनीतिक तनाव पैदा किया।
1980 के दशक में, हिंदू संगठनों ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के लिए एक आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन ने पूरे भारत में लाखों लोगों को एकजुट किया और सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का पक्ष लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया, जिसने मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी संभाली।
राम मंदिर का डिजाइन पारंपरिक भारतीय मंदिर वास्तुकला से प्रेरित है। इसमें राजस्थानी और गुजराती शैली के तत्व शामिल होंगे और यह भव्य और आकर्षक होगा।
राम मंदिर के निर्माण से राम जन्मभूमि विवाद का शांतिपूर्ण समाधान हुआ है, जिससे देश में सामाजिक सद्भावना का माहौल बनने की उम्मीद है।